स्नेह की चादर लपेटे
दिखने में भोई सी/ वो प्यारे सी .......
पल में चंचलता
पल में गंभीरता
बातों की सायनी
बातों से अज्ञानी / वो प्यारी सी .....
मांकी प्यारी
बाप की दुलारी
स्वयं नाचती
सब को नचाती / वो प्यारी सी ......
कठपुतली सी अदा
उछलकूद करती सदा
कभी हंसाती
कभी रुलाती/वो प्यारी सी ......
आश्वस्त सभी को करती
भविष्य अपना संवारती
बसता ले स्कूल को जाती/वो मेरी प्यारी सी लड़की
-संत कुमार मालवीय संत
भोपाल